Sunday, September 4, 2022

विदर्भमें फिर सुरु हुआ "किसान आत्महत्याका तांडव पर नेता नृत्यमें व्यस्त": चालू वर्ष में रिकॉर्ड १०३६ किसानोंने की आत्महत्या - किसान मिशनने केंद्र व राज्य सरकारको "पंचसूत्री एकीकृत किसान बचाव कार्यक्रम" सौंपा

विदर्भमें फिर सुरु हुआ "किसान आत्महत्याका तांडव पर नेता  नृत्यमें व्यस्त": चालू वर्ष में रिकॉर्ड १०३६  किसानोंने की आत्महत्या - किसान मिशनने केंद्र व राज्य   सरकारको "पंचसूत्री एकीकृत किसान बचाव  कार्यक्रम" सौंपा 

दिनांक ५  सितंबर 2022



सम्पूर्ण भारतमें किसान आत्महत्या के लिए कुप्रसिद्ध महाराष्ट्र विदर्भ प्रान्त में इस वर्ष रेकॉर्ड १०३६  किसानोंने रेकॉर्ड मामले सामने आये है। यह जानकारी महाराष्ट्र किसान मिशन के अध्यक्ष किशोर तिवारी ने आज दी। विदर्भ में पिछले सात दिनों में विदर्भमें १८ किसानों की आत्महत्या का मामला सामने आये है, सरकार को सूची सौंपी है,  यह इस प्रकार है,
१.अंगद आड़े वरुड जहांगीर जिल्हा यवतमाल 
२. विलास जांभुळकर पाटा पांगरा जिल्हा यवतमाल 
३ .गजानन जाधव अजंगांव जिला वर्धा
४.जियालाल राउत रेस. पारडी  जिला गोंदिया
५.अजय टोपे मलपंडी  जिला गढ़चिरौली
६ .गिरधारी भंडारकर सड़क अर्जुनी  जिला भंडारा 
७.अनिल ठाकरे लाकूड  जिला अमरावती
८.संतोष चव्हाण चिल्ली  जिला यवतमाल 
९.विनायक दुधे नेर  जिला यवतमाल 
१०.शिवदास वानखेड़े . उदखेड़ जिला अमरावती
११.विजय रोखड़े .नवेगांव पेट जिला चंद्रपुर
१२.प्रह्लाद दमाहे  जिले, नवेगांव और गोंदिया जिला 
१३ पुंडलिक रुयारकर गदाजी बोरी तालुका मारेगांव जिला यवतमाल 
१४ सतीश वासुदेव बोथाले रा म्हैस दोड़का तालुका मारेगांव जिला यवतमाल 
१५.गजानन नारायण मुसले रा नरसला तालुका मारेगांव जिला यवतमाल 
१६ . सचिन सुभाष बोधेकर रा रामेश्वर तालुका मारेगांव जिला यवतमाल 
१७.हरिदास सूर्यभान टोंपे शिवानी धोबे तालुका मारेगांव जिला यवतमाल 
१८.तोताराम अंगत चिचुलकर दंडगांव तालुका मारेगांव जिला यवतमाल 
किसान नेता किशोर तिवारी ने बताया की भारतमें किसान आत्महत्या की राजधानी यवतमालमें पिछले ३० दिनोंमे ४० किसानोंने जबकी विदर्भ में पहले आठ महीनों में रिकॉर्ड १०३६  किसानोंकी आत्महत्या मामले सामने आये है जोंकी यह संख्या पिछले २५ सालमें सबसे ज्यादा हैं इसका प्रमुख कारण लगातार भारी बारिश, फ़सलोंका भारी  नुकसान , उत्पादनमें आयी गिरावट,और किसान विरोधी प्रशासनिक नीतियों प्रमुख कारण है। 

विदर्भ में फिर सुरु हुआ "किसान आत्महत्याका तांडव पर नेता  नृत्यमें व्यस्त"


किशोर तिवारी ने खेद व्यक्त किया है कि एक तरफ विदर्भमें "किसान आत्महत्याका तांडव हो रहा है पर सब राजनेता  नृत्य करते नजर आ रहे है ,किसी अमीर आदमी के मृत्युपर तुरंत जाँच के आदेश देने वाले या अमीर आदमीके बेटे बुखार पर चिंता करने वाले  कोईभी नेता आजतक इन आत्महत्याग्रस्त परिवारोंकी सूद नही ले रहा है पर जिला से तालुका स्तर तक प्रशासन, पुलिस, कृषि, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और अन्य विभागों का एक भी अधिकारी इन घरों में नहीं पहुंचाहै ,सरकार ने मदद का ऐलान किया, लेकिन एक भी किसान को मदद नहीं मिली, कर्जमाफी का भी लाभ नहीं, सभी की शिकायत है कि उन्हें खाद्य-स्वास्थ्य-शिक्षा सुरक्षा नहीं मिल रही है. किसानों ने किशोर तिवारी से शिकायत की  गांव में कोई कृषि सहायक, तलाठी, ग्राम सेवक, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, स्कूल शिक्षक नहीं रहते हैं और वे महीने में एक या दो दिन ही आते हैं,हर तरह  व्याप्त भारी भ्र्ष्टाचार इस नरसंहार को जबाबदार है। 
शेतकारी मिशन ने सरकार को दिया "पंचसूत्री एकीकृत किसान बचाव कार्यक्रम"
पिछले साल के सूखे वर्ष में, विदर्भमें ११८०  सूखाग्रस्त छोटे किसानों की आत्महत्या की सूचना मिली थी, लेकिन ,लेकिन  २०२२ में लगातार भारी बारिश, बंजर बनी खेती , कृषि बढ़ी हुई लागत के कारण पहले सात माहमें रेकॉर्ड  १०३६ किसानोंकी आत्महत्याके मामले सामने आये है जो बहोत गंभीर मामला है और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथराव शिंदे के महाराष्ट्रको किसान आत्महत्यामुक्त करने के वादे के बाद  इन आत्महत्यामें भारी वृद्धि हुई है। किसान  मिशन के अध्यक्ष किशोर तिवारी ने दैनिक आत्महत्याओं को रोकने के लिए "पंचसूत्री एकीकृत किसान बचाव  कार्यक्रम" प्रस्तुत किया है।
१. खेती की लागत, कृषि वस्तुओं की कीमतें, मिट्टी और जल पुनर्जनन, उत्पादकता, बीजों की स्वतंत्रता।
२. फसल प्रणाली और नकद फसलों के स्थान पर भोजन, दलहन, तिलहन फसलों की योजना और उसी के लिए सब्सिडी
३.आसान कृषि ऋण नीति
४.कीसानों को सहज तात्काल मुआवजा मिले ऐसी  फसल बीमा योजना
५ .ग्रामीण क्षेत्रों से प्रशासनिक, राजनीतिक और सामाजिक भ्रष्टाचारका उन्मूलन
इन पांच बिंदुओं पर किशोर तिवारी ने मांग की कि सरकार को अमरावती और यवतमाल जिलों में प्रायोगिक आधार पर एकीकृत किसान वाचवा कार्यक्रम लागू करना चाहिए, जहां खेती की लागत कम होने तक, नई विकसित तकनीकें, मृदा स्वास्थ्य जल नियोजन और उसके स्वास्थ्य में सुधार हो। किसान मिशन ने सुझाव दिया है कि सबसे पहले यह सुनिश्चित करना है कि उत्पादकता में वृद्धि  हो। फसल के तरीकों और खाद्य, दलहन, तिलहन फसलों के लिए  योजना और सब्सिडी पर तत्काल निर्णय लेने की मांगकी है,उसी वक्त  आसान प्रचुर मात्रा में पांच वर्षीय ऋण नीति और निरंतर बंजर पूरबूडी सूखे के लिए मुआवजा।किसान मिशन ने सुझाव दिया है कि किसानों के जीवन को बचाने वाली फसल बीमा योजना में संशोधन किया जाना चाहिए और तुरंत लागू किया जाना चाहिए।
चल रहे अनियंत्रित प्रशासनिक, राजनीतिक और सामाजिक भ्रष्टाचार के कारण ग्रामीण विदर्भ का आर्थिक, मानसिक, शारीरिक, आध्यात्मिक और सामाजिक स्वास्थ्य पूरी तरह से बिगड़ गया है और गांव से लेकर दिल्ली-मुंबई तक हर स्तर पर जनप्रतिनिधि और अधिकारी-कर्मचारी सरकार को लूट रहे हैं. पैसा, सामाजिक समस्याएं पैदा हो गई हैं, अगर तुरंत नियंत्रित नहीं किया गया, तो आज आत्महत्या करने वाले युवा किसान खजाने की लूट के भागीदारों को नष्ट कर देंगे ऐसी चेतावनी किशोर तिवारी अपने "पंचसूत्री एकीकृत किसान बचाव " योजना सौंपी है . 
=========================================================================

No comments:

Post a Comment